भारतीय जनता पार्टी को कमल का चुनाव चिन्ह कैसे मिला जानिए रोचक जानकारी…

2014 के बाद 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर है। लेकिन क्या आपको पता है पार्टी को कमल का चुनाव चिन्ह (Lok Sabha Elections) कैसे मिला।

Lok Sabha Elections | 2014 के बाद 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है। साल 2024 चुनाव को जीतकर भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की हुंकार भर रही है। आज देश में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।

लेकिन क्या आपको पता है भारतीय जनता पार्टी को कमल का चुनाव चिन्ह कैसे मिला? आइए आज हम चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने वाले है की, भारतीय जनता पार्टी (Lok Sabha Elections) को कमल का चुनाव चिन्ह कब एवं कैसे मिलेगी। आइए जानते है रोचक जानकारी..

आज बीजेपी को 40 साल पूरे हुए : Lok Sabha Elections

बता दें की, इसी माह की 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना हुई थी। आज इस पार्टी ने 40 साल पूरे कर लिए हैं। कभी इस पार्टी ने 2 सीटें जीती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर देश की सत्ता पर काबिज है। सबसे पहले आपको बता दें, स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। जो आगे चलकर बीजेपी पार्टी में तब्दील हो गई।

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पहले दीपक था बीजेपी का चुनाव चिन्ह

Lok Sabha Elections | मौजूदा भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी की स्‍थापना 1980 में हुई। लेकिन इससे 29 साल पहले ही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी थी, जो आगे चलकर बीजेपी बन गई। उस दौर में भारतीय जनसंघ का चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ हुआ करता था। जी हां, यानी जो ‘कमल’ आज खिल रहा है, वह तब ‘दीपक’ बनकर जलने को बेताब था।

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‘दीपक’ के बाद ‘हलधर किसान’ हुआ पार्टी का चिन्ह

Lok Sabha Elections | पहले भारतीय जनसंघ का चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ हुआ करता था। 1977 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म करने की घोषणा की इसके साथ देश में फिर से आम चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। जिसके बाद जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया। उस समय ‘दीपक’ का चिन्ह बदलकर ‘हलधर किसान’ हो गया।

उस दौरान जनता पार्टी का मकसद इंदिरा गांधी को परास्त करना था। जिसके बाद चुनाव में जनता पार्टी को जीत मिली और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। इस चुनाव में जनसंघ से आए नेताओं को अच्छी कामयाबी मिली। फिर 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की गई और अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने। : Lok Sabha Elections

जिसके बाद पार्टी का चुनाव चिह्न कमल बनाया गया। कमल के फूल को हिन्दू परंपरा से जोड़कर भी देखा जाता है। बता दें, बीजेपी के संस्थापकों ने ‘कमल’ को चुनाव चिन्ह इसलिए बनाया था क्योंकि इस चिन्ह को पहले भी ब्रिटिश शासन के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।

‘कमल’ से यह है पार्टी का मतलब

Lok Sabha Elections | बीजेपी के संस्थापकों ने ‘कमल’ को चुनाव चिन्ह इसलिए भी चुना कि यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहले भी इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं, यह पार्टी की राजनीतिक विचारधारा को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के रूप में भी वर्णित करता है।

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