सालों से काट रहे थे बीमा Fasal Bima कंपनी के चक्कर, अब इन किसानों के खाते में सरकार डालेगी फसल बीमा के करोड़ों रूपये।
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Fasal Bima | किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सरकार बीमा कंपनियों के माध्यम से किसानों को अपनी रबी और खरीफ की फसलों का बीमा कराने की सुविधा प्रदान करती है। लेकिन कभी-कभी बीमा कंपनियों की मनमानी के चलते किसानों को मुआवजा मिलने में बहुत देरी हो जाती है।
किसान को क्लेम का पैसा देने में कंपनी अकारण ही देर करने लगती है और किसान का क्लेम अटकाए रखती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के सांचौर जिले चितलवाना गांव में सामने आया है। मीडिया में मामले का खुलासा होने के बाद जिला कलेक्टर ने संबंधित Fasal Bima बीमा कंपनी को अगले तीन दिन में पीड़ित 1944 किसानों को 40 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम देने के आदेश दिए हैं।
कलेक्टर ने भुगतान के दिए निर्देश
Fasal Bima | मीडिया में प्रकाशित रिपाेर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी व खरीफ सीजन 2020 से 2022 के बीच किसानों के बीमा क्लेम की राशि उनके खातों में जमा नहीं की गई। बीमा कंपनी ने पीड़ित किसानों का यह क्लेम अटका दिया। इसमें एक या दो नहीं कुल 1944 किसानों का 40 करोड़ का भुगतान कंपनी ने रोक दिया।
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इधर, किसान बीमा कंपनी के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गए। जब मामला मीडिया में आया तब मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़ ने कंपनी को तुरंत प्रभाव से तीन दिन की अवधि में किसानों को उनके खाते में Fasal Bima क्लेम की राशि ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
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इन गांव के किसानों को मिलेगा फसल बीमा
जिला कलेक्टर द्वारा ऐसे किसानों को चिह्नित किया गया जिनका तीन साल क्रमश: 2020 से 2022 तक का क्लेम बीमा कंपनी ने अटका रखा था। गांव में शिविर लगाकर पीड़ित किसानों के दस्तावेज इक्ट्ठे किए गए जिसमें रानीवाड़ा के 240, बागोड़ा के 478, सांचौर के 339 व चितलवाना के 887 किसानों का क्लेम बीमा कंपनी ने रोक रखा था जिन्हें अब Fasal Bima क्लेम मिल सकेगा।
धोखाधड़ी से फसल बीमा का लाभ उठाने वाले पर होगी कार्यवाही
इसके अलावा कुछ बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि भी किसानों के साथ धोखाधड़ी करने में पीछे नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि फर्जी दस्तावेजों से किसानों के क्लेम खुद उठा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस थाने में दो मामले दर्ज किए गए है जिनमें पटवारी की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है।
यहां उपरोक्त मामले की जानकारी किसानों को देने का उद्देश्य उन्हें सतर्क करना है। किसानों को चाहिए कि वे समय-समय पर बीमा कंपनी Fasal Bima से अपनी पॉलिसी के संबंध में जानकारी लेते रहे और यदि कहीं गड़बड़ दिखाई दे तो इसके विरूद्ध आवाज जरूर उठाएं, इसकी शिकायत किसान पीएम फसल बीमा योजना पोर्टल पर भी कर सकते हैं।
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