बाजरे की अगेती बुवाई का होगा फायदा, रोगों की पहचान, उपचार भी सीख लें..

बाजरे की खेती (Millet cultivation) से बंपर पैदावार के लिए किसानों को रोगों की पहचान करना जरूरी। कृषि विभाग से जानिए इसके बारे में सबकुछ।

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Millet cultivation | बारिश इस बार जल्दी आने से बाजरे की अगेती बुवाई हो चुकी है। अगेती बुवाई का फायदा मिलेगा। हालांकि ज्यादा बारिश वाले खेतों में अब नमी कम होने पर बुवाई होगी। बुवाई अमूमन 15-20 जुलाई तक कर सकते हैं।

बाजरे की खेती में कई तरह के रोग उपज को प्रभावित करते हैं। इन रोगों की पहचान और सही प्रबंधन से किसान अच्छी पैदावार ले सकते हैं। बाजरे में प्रमुख रोगों की पहचान व

उपचार के तरीके जान लीजिए…

1. तुलासिता / हरित बाली/जोगिया रोग

लक्षण : पत्तियां पीली पड़ती है, पौधे का विकास रुकना, बालियों का हरे रंग के बालों में बदलना। Millet cultivation

उपचार : आर.एच.बी. 233, आर.एच.बी. 234, एच.एच.बी. 67 बोएं। बुवाई से पहले मेटलैक्सिल 6 ग्राम/किलो बीज की दर से बीजोपचार करें, बुवाई के 20वें दिन मैंकोजेब 2 कि.ग्रा. या मेटालेक्सिल + मैनकोजेब 1 किग्रा / हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

2. अरगट / चेपा रोग

लक्षण : सिट्टों से गुलाबी रंग का चिपचिपा गाढ़ा रस निकलता है। बालियों में दानों की जगह गहरे भूरे रंग के कठोर पिंड बन जाते हैं। संक्रमित अनाज खाने से इंसान और जानवरों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। Millet cultivation

उपचार : बीज को 20% नमक मिले पानी (10 लीटर पानी में 2 किलो नमक) में 5 मिनट तक भिगो कर रखें। ऊपर तैरते हल्के बीज व कंडो को निकाल दें। नीचे बैठे स्वस्थ बीज को अलग कर साफ पानी से धोकर छाया में सुखाने के बाद बुवाई करें। मैनकोजेब 2 किग्रा या जीरम 1 किग्रा/हैक्टेयर 5-10% फूल आने पर 3-5 दिन के अन्तराल पर 2-3 बार छिड़काव करें।

3. ब्लास्ट / प्रध्वंस

लक्षण : पत्तियों और तनों पर गहरे भूरे रंग के लंबे, नाव के आकार के धब्बे बन जाते हैं। Millet cultivation

उपचार : रोगरोधी किस्में जैसे आर.एच.बी. 233, आरएच. बी. 234 का चयन करें। लक्षण दिखते ही प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. या टेबुकोनाजोले 50 + ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोब नि 25 (75 डब्लू. जी.) का 0.05 प्रतिशत (0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी) की दर से छिड़काव 15 दिन के अंतराल पर 2-3 बार करें।

4. स्मट / कंडुआ रोग

लक्षण : बाजरे के सिट्टों में दाने की जगह काले, चूर्णमय द्रव्य से भरी अंडाकार संरचनाएं बन जाती हैं। Millet cultivation

उपचार : रोग ग्रसित बालियों को काट कर हटा दें। रोगरोधी किस्में जैसे आर.एच.बी. 228 का चयन करें। संक्रमण देखने पर कार्बेडाजिम या हेक्साकोनाजोल 0.05 प्रतिशत (05 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।

5. रस्ट / रतुआ

लक्षण : पत्तियों पर छोटे गोल से लेकर अंडाकार, लाल-भूरे से लाल-नारंगी रंग के फफोले दिखते हैं। Millet cultivation

उपचार : संक्रमण दिखने पर प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. या क्लोरोथैलोनिल 75 डब्लू.पी. का 0.05 प्रतिशत की दर से छिड़काव करें।

• खेत की तैयारी के समय गहरी जुताई करें। नीम की खली काम मे लें। Millet cultivation

• खेत में व आसपास खरपतवार को नियंत्रित रखें। फसल की कटाई के बाद खेत में गहरी जुताई करें।

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